

दीनानाथ मेरी बात लिरिक्स
संगीत की दुनिया में, कुछ ऐसे बोल जो समय को पार करते हैं, अपने गहरे मायने और भावनात्मक संवाद के साथ पीढ़ियों के दिलों को छू जाते हैं। ऐसे ही एक सेट के बोलों की चर्चा है “दीनानाथ मेरी बात लिरिक्स” में। ये शब्द न केवल एक गाने की मधुर धुन हैं, बल्कि उनमें गहरे भावनात्मक सफर की भी एक और दिलचस्प कहानी है जो अनगिनत लोगों के दिलों में समाई हुई है। चलिए इन बोलों की मूल आत्मा और उनके उत्तेजना देने वाले भावनाओं को समझने के लिए एक संगीतमय अभियान पर निकलें।
इन बोलों के प्रभाव को सही रूप से समझने के लिए, उन संकेतों की समझ आवश्यक है जिनके साथ ये लिखे गए थे। “दीनानाथ मेरी बात लिरिक्स” एक समय में उत्कृष्ट संगीतकारों की एक पीरियड में आये, जब कलाकार मानव भावनाओं और सामाजिक परिप्रेक्ष्य में गहराईयों में जा रहे थे। ये बोल दरअसल प्यार, आकांक्षा और मानवीय स्थिति की गहराईयों की खोज की वजह से अनगिनत पीढ़ियों के दिलों में गहराईयों में गहराईयों की खोज की वजह से अनगिनत पीढ़ियों के दिलों में समाई हुई है।
इसके मूल में, “दीनानाथ मेरी बात लिरिक्स” मानव भावनाओं की विकल्पना को छूने की भावना होती है। इस बोल से एक ऐसी भावना समक्ष होती है जिसमें किसी व्यक्ति की भावनाओं को दूसरे व्यक्ति के सामने प्रकट करने की भावना होती है। यह खुली उपयोगीता है जो उन लोगों के साथ संबंधित होती है जिन्होंने प्यार की गतिमा यात्रा की है, जहाँ अपने भावनाओं को व्यक्त करना उत्साहजनक और डरावने दोनों हो सकता है।
दीनानाथ मेरी बात लिरिक्स हिंदी में
दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से
दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से
आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से
आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से
दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से
आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से
खाटू वाले श्याम तेरी शरण में आ गयो
श्याम प्रभु रूप तेरो नैणां में समां गयो
बिसरावे मत बाबा, हार मानी तेरे से
आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से
दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से
आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से
बालक हूँ मैं तेरो श्याम, मुझको निभायले
दुखड़े को मारयो मन, कालजे लगायले
पथ दिखलादे बाबा, काढ़ दे अँधेरे से
आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से
दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से
आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से
मुरली अधर पे, कदम तल झूमे हैं
भक्त खड़ा तेरे चरणां ने चूमे हैं
खाली हाथ बोल कया, जाऊ तेरे-नेरे से
आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से
दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से
आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से
खाओ हो थे खीर चूरमो लीले ऊपर घूमो हो
सेवका न बाबा थे क़द्दे ही कोनी भूलो हो
टाबरियाँ की झोली भर भेजो थारे डेरे से
आँखडली चुरा के बाबा जासी कठे मेरे से
दीनानाथ मेरी बात छानी कोनी तेरे से
आँखडली चुराकर बाबा जासी कठे मेरे से
दीनानाथ मेरी बात लिरिक्स हिंदी में एक भक्ति गीत है जो हिंदू देवता दीनानाथ को समर्पित है। इसे मशहूर भजन गायिका Sanju Sharma ने गाया था। यह गीत दीनानाथ से गायक की प्रार्थना सुनने और उनकी ज़रूरत के समय में मदद करने की प्रार्थना है। आज इस ब्लॉग पोस्ट में मैं आपके साथ “दीनानाथ मेरी बात” लिरिक्स के बारे में साझा करूंगा।
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